Thursday 15 April 2010

कब्रिस्तान वालो से पुछ लो..


गाँधी जी के  3 बन्दर थे.
1 मर गया,
दूसरा फोरेन गया हुआ हैं
और तीसरा पढ़ नही पा रहा हैं
यार तुम हमेशा खुद को बन्दर क्यों सोचते हो.


आदमी की मौत के बाद उसका दोस्त उसकी पत्नी के पास आया
और बोला क्या मै उसकी जगह ले सकता हु..?
पत्नी - मुझे कोई अत्राज़ नहीं..
कब्रिस्तान वालो से पुछ लो..




फेरो के वक़्त पंडित ने मेहमानों से पुछा :-
किसी को इस शादी से ऐतराज़ तो नहीं?
1 आदमी बोला :- मुझे है मुझे है
पंडित - तुम चुप रहो तुम दुल्हे हो







अनिल अम्बानी :-अगर मैं सुबह अपनी कार मै निकलू तो शाम तक अपनी आधी ज़मीन भी नहीं देख सकता..
संता : हमारे पास भी पहले ऐसी ही खटारा कार थी !


भेजने वाले : गौरांग स्वदिया

Email Subscription | SMS Subscription
Get free Email & SMS alert

No comments:

Post a Comment