Saturday 31 October 2009

एक शादी का निमंत्रण पत्र



आमंत्रण :-----
माँ दारू देवी की असीम अनुकंपा से पूरे नशे मे टुन्न होकर हुक्के और माल के सनिध्य मैं हमे आज हर्षित होने का अवसर मिला है क्योंकि हमारी बिगड़ी औलाद ..........

चिरंजीव दुली चंद डांगी [NFT]
कूपत्र श्री MAALBORO

तथा

सौ. बीडीकुमारी [DETAINED]
 




कुपुत्रि श्री GOLD FLAKE ...

विवाह बंधन मे बँधने जा रहे है . आप सभी से अनुरोध है की इस पवन अवसर पर पधारे और भरपूर उत्पात मचाकर अपनी उपस्थिति को सार्थक बनाएँ बारात ब्यावरा की "देसी दारू की भट्टी" से निकलकर निकटवर्ती "अँग्रेज़ी शराब की दुकान" की ओर रात 1 बजे के बाद प्रस्थान करेगी ........

चुन्नु-मुन्नू :-- मेरे D.C. भैया की शादी में ज़लूल-ज़लूल आना...........

स्वागतोत्सुक
WILLS, ULTRA MILD ROYAL STAG, GREEN LABLE,

दर्शनाभिलाशी
ROYAL STAG, GREEN LABLE

विनीत
भांग ,कच्ची ,माल ,थिनर 




Thursday 29 October 2009

टूट गये हैं सामने के 4 दांत फिर भी मुँह खोल कर मुस्कराया करो.







बोतल छुपा दो कफ़न में मेरे
शमशान में पिया करूँगा,
जब खुदा मांगेगा हिसाब
तो पैग बना के दिया करूँगा.




अर्ज़ किया है :-



गधे को गधी से प्यार हो गया
गधे को गधी से प्यार हो गया.

वाह वाह
इतना रोमांटिक एस एम एस पढ कर एक और गधा तैयार हो गया.   








अर्ज़ किया हैं :-
दाग तो चला जाएगा कमीज़ से
दाग तो चला जाएगा कमीज़ से

वाह वाह
अगर तुम कपडे धो तमीज से.   







बहार आने से पहले फिजा आ गयी..
वाह! वाह!

बहार आने से पहले फिजा आ गयी
फूल को खिलने से पहले बकरी खा गयी!    







ए दोस्त तन्हाई में न वक़्त बिताया करो,
कभी-कभी महफिलों में भी आया करो,
क्या हुआ जो टूट गये हैं सामने के 4 दांत फिर भी मुँह खोल कर मुस्कराया करो.





तुमसा कोई दूसरा ज़मीन पर हुआ,
तोह रब से शिकायत होगी....
एक को तोह झेला नहीं जाता,
दूसरा आ गया तो क्या हालत होगी!




Tuesday 27 October 2009

मासूम सज़ा



एक दिन बादशाह अकबर ने दरबार में आते ही दरबारियों से पूछा – किसी ने आज मेरी मूंछें नोचने की जुर्रत की। उसे क्या सज़ा दी जानी चाहिए।

दरबारियों में से किसी ने कहा – उसे सूली पर लटका देना चाहिए, किसी ने कहा उसे फाँसी दे देनी चाहिए, किसी ने कहा उसकी गरदन धड़ से तत्काल उड़ा देनी चाहिए।

बादशाह नाराज हुए। अंत में उन्होंने बीरबल से पूछा – तुमने कोई राय नहीं दी!
बादशाह धीरे से मुस्कराए, बोले - क्या मतलब?
जहाँपनाह, ख़ता माफ हो, इस गुनहगार को तो सज़ा के बजाए उपहार देना चाहिए – बीरबल ने जवाब दिया। जहाँपनाह, जो व्यक्ति आपकी मूँछें नोचने की जुर्रत कर सकता है, वह आपके शहजादे के सिवा कोई और हो ही नहीं सकता जो आपकी गोद में खेलता है। गोद में खेलते-खेलते उसने आज आपकी मूँछें नोच ली होंगी। उस मासूम को उसकी इस जुर्रत के बदले मिठाई खाने की मासूम सज़ा दी जानी चाहिए – बीरबल ने खुलासा किया।

बादशाह ने ठहाका लगाया और अन्य दरबारी बगलें झांकने लगे।


यमदेव ने दे दिया अपना इस्तीफा।


एक दिन
यमदेव ने दे दिया
अपना इस्तीफा।
मच गया हाहाकार
बिगड़ गया सब
संतुलन,
करने के लिए
स्थिति का आकलन,
इन्द्र देव ने देवताओं
की आपात सभा
बुलाई
और फिर यमराज
को कॉल लगाई।

'
डायल किया गया
नंबर कृपया जाँच लें'
कि आवाज तब सुनाई।

नये-नये ऑफ़र
देखकर नम्बर बदलने की
यमराज की इस आदत पर
इन्द्रदेव को खुन्दक आई,

पर मामले की नाजुकता
को देखकर,
मन की बात उन्होने
मन में ही दबाई।
किसी तरह यमराज
का नया नंबर मिला,
फिर से फोन
लगाया गया तो
'
तुझसे है मेरा नाता
पुराना कोई' का
मोबाईल ने
कॉलर टयून सुनाया।

सुन-सुन कर ये
सब बोर हो गये
ऐसा लगा शायद
यमराज जी सो गये।

तहकीकात करने पर
पता लगा,
यमदेव पृथ्वीलोक
में रोमिंग पे हैं,
शायद इसलिए,
नहीं दे रहे हैं
हमारी कॉल पे ध्यान,
क्योंकि बिल भरने
में निकल जाती है
उनकी भी जान।

अन्त में किसी
तरह यमराज
हुये इन्द्र के दरबार
में पेश,
इन्द्रदेव ने तब
पूछा-यम
क्या है ये
इस्तीफे का केस?
यमराज जी तब
मुँह खोले
और बोले-

हे इंद्रदेव।
'
मल्टीप्लैक्स' में
जब भी जाता हूँ,
'
भैंसे' की पार्किंग
होने की वजह से
बिन फिल्म देखे,
ही लौट के आता हूँ।
'बरिस्ता' और 'मैकडोन्लड'
वाले तो देखते ही देखते
इज्जत उतार
देते हैं और
सबके सामने ही
ढ़ाबे में जाकर
खाने-की सलाह
दे देते हैं।

मौत के अपने
काम पर जब
पृथ्वीलोक जाता हूँ
'
भैंसे' पर मुझे
देखकर पृथ्वीवासी
भी हँसते हैं
और कार होने
के ताने कसते हैं।
भैंसे पर बैठे-बैठे
झटके बड़े रहे हैं
वायुमार्ग में भी
अब ट्रैफिक बढ़ रहे हैं।
रफ्तार की इस दुनिया
का मैं भैंसे से
कैसे करूँगा पीछा।
आप कुछ समझ रहे हो
या कुछ और दूँ शिक्षा।



और तो और, देखो
रम्भा के पास है
'
टोयटा'
और उर्वशी को है
आपने 'एसेन्ट' दिया,
फिर मेरे साथ
ये अन्याय क्यों किया?
हे इन्द्रदेव।
मेरे इस दु: को
समझो और
चार पहिए की
जगह
चार पैरों वाला
दिया है कह
कर अब मुझे
बहलाओ,
और जल्दी से
'
मर्सिडीज़' मुझे
दिलाओ।
वरना मेरा
इस्तीफा
अपने साथ
ही लेकर जाओ।
और मौत का
ये काम
अब किसी और से
करवाओ।