Friday 26 February 2010

भाई तुम्हारे यहाँ के नेता तो .... कदर नहीं करते तो देश की क्या करेंगे

ये देखिये ये हैं हमारे देश के कुछ होनहार और सभ्य नागरिक, अब आप लोग पूछेंगे की मैं आपको ये फोटो दिखा कर आपको क्या बताना चाहता हु, तो मैं आपको बताना चाहूँगा की किसी भी देश का अगर राष्ट्रीयगान या राष्ट्रगीत चल रहा हो या बज रहा हो, तो उस देश के लोग क्या करते हैं? आपको पता हैं ?
जहाँ तक मुझे याद हैं, ये तो हमें बचपन में हमारे स्कूल में ही सिखाया जाता हैं की जब भी कभी राष्ट्रगान या राष्ट्रगीत चले या बजे तो उसके सम्मान में हमें खड़ा होना चाहिए. लेकिन इन महाशय को कौन बताएगा की इन राष्ट्र गीतों में हमारे गौरवशाली देश की महानता और वैभव छिपा हैं और जो इन गीतों के जरिये व्याख्यान किया गया हैं. आप जो फोटो देख रहे हैं शायद आपको देख कर ही पता चल रहा होगा की साड़ी जनता खड़ी होकर इसके प्रति सम्मान प्रकट कर रही हैं लेकिन इन दो जन को किसी छेज की सुध ही नहीं. वाह रे बड़े राजनेता, क्या खूभ शान हैं इनकी जो ये दिखा रहे हैं. जिस देश में रहते हैं उसी का निरादर कर रहे हैं. अब आप ही बताये की क्या ये सही हैं की कल को कोई और हमें बताये की
"भाई तुम्हारे यहाँ के नेता तो अपने देश के राष्ट्रीय गीत या गान की कदर नहीं करते तो देश की क्या करेंगे"

अब आप ही न्याय करिये और दुसरो को भी बताये की हमारा देश महान हैं इसलिए ऐसे नेता होने चाहिए या नहीं?

Wednesday 24 February 2010

तेरी वजह से......इस सब में तुम्हारा कोई हाथ नहीं है.


एक शराबी की पीने की लत से तंग आकर उसकी पत्नी ने उसे तलाक दे दिया और बच्चों को लेकर मायके चली गई. बॉस ने भी नौकरी से निकाल दिया.
हैरान-परेशान वह अपने घर में अकेला बैठा था कि तभी उसकी नज़र अलमारी में लगी शराब की बोतलों पर पड़ गई. गुस्से में वह उठा और एक खाली बोतल उठाकर दीवार में दे मारी - "कमबख्त, तेरी वजह से मेरी बीवी मुझे छोड़कर चली गई."
फिर उसने दूसरी बोतल उठाई और उसे भी तोड़ दिया - "हरामजादी, तेरी वजह से मेरे बच्चे मुझसे दूर हो गए."
तीसरी बोतल का भी यही हश्र किया और चिल्लाया - "तेरी वजह से मेरी नौकरी चली गई."
जैसे ही उसने चौथी बोतल उठाई, तो वह भरी हुई थी, उसे संभालकर दूसरी अलमारी में रखते हुए बोला - "मेरे दोस्त, तुम ज़रा एक तरफ हो जाओ, मुझे मालूम है इस सब में तुम्हारा कोई हाथ नहीं है......." !!!


भेजने वाले : गौरांग

So never lose CONFIDENCE ,TRUST & Hope

 

एक बार एक गावं ने सोचा क्यों ना हम बारिश के लिए

भगवान से प्रार्थना करे ! स्थान तय हुआ !! सारा गावं
वहा पंहुचा पर एक बच्चा छतरी ले के पंहुचा ! इसको
कहते हैं confidance ?

 











एक साल के बच्चे को हवा मैं उछाला और वो हंस रहा था
क्यों की उसको विश्वास हैं की कोइ उसे पकड़ भी लेगा
इसको कहते हैं trust.





 








हम रोज रात को बिस्तर पे सोने जाते हैं !! हमे पता भी

नहीं की कल् हमारी आँख खुलेगी भी या नहीं पर
फिर भी हम अगले दिन की रूप रेखा बना के सोते हैं
इसको कहते हैं hope
so never lose CONFIDENCE ,TRUST & Hope



भेजने वाले : मौलिक मकवाना

Tuesday 23 February 2010

और हाथ छोड़ दिया....

https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgY0tyoxVJj8BOjVusEZZimhIH46Y5bPqm5ZhaWohhHe8vAVWnFo43gHk8L7Km9iltkdDaoHQD4MAUAuVV8P2uJsbzbeGBMgqblGtr-IoUDncSR1SzuRSXZ-Y-LDz_v3o8b_IE2kWLY0QzU/एक फिल्म अभिनेत्री 15 वें माले पर स्थित अपने आवास की बालकनी में रेलिंग पर खड़ी अपने प्रशंसकों का अभिवादन कर रही थी कि अचानक संतुलन खो बैठी और नीचे गिरने लगी। 12 वें माले की रेलिंग पर खड़े हुये एक नौजवान ने उसे अपनी बांहों में पकड़ लिया और पूछा - ''मुझसे शादी करोगी ?''''कभी नहीं''- अभिनेत्री ने नफरत से जवाब दिया । ''तो जाओ मरो!'' कहकर नौजवान ने उसे छोड़ दिया और वह फिर नीचे गिरने लगी। 11 वें माले पर खड़े एक अधेड़ ने हाथ बढ़ाकर उसे फिर पकड़ लिया और पूछा - ''मेरी प्रेमिका बनोगी ?''''हर्गिज नहीं!'' उसका इतना कहना था कि इस आदमी ने भी उसे छोड़ दिया। बेचारी अभिनेत्री को अब मौत साक्षात नजर आने लगी। वह ईश्वर से एक और मौका देने की प्रार्थना करने लगी कि तभी आठवें माले पर खड़े एक आदमी ने उसका हाथ पकड़ लिया। ''मैं तुमसे शादी कर लूंगी......! मैं तुम्हारी प्रेमिका बनूंगी.....! रखैल बनूंगी ! सब कुछ करूंगी!'' अभिनेत्री आदमी के कुछ बोलने के पहले ही भयातुर होकर कहने लगी। ''बदचलन औरत..... !'' आदमी ने कहा और हाथ छोड़ दिया।



भेजने वाले : गौरांग

Saturday 20 February 2010

अबे! तेरी तो, हाथ मिला मैं भी तो गे हूँ........


संता - यार, तुने पूरे टोइलेट में पोट्टी क्यों कर दी?
बनता - मोबाइल Ki वजह से,
संता - वो कैसे ?
बनता - तुने वो ऐड नही देखी,
'वाल्क वैन यु टॉक'



संता को इलेक्ट्रिक चेयर पर बिठा कर मौत की सजा
सुने गयी
जल्लाद- आखरी ख्वाहिस क्या हैं?
संता मुझे डर लग रहा हैं
मेरा हाथ पकड ले....


किसान अनाज की बोरिया ले कर बैलगाड़ी से जा रहा था
संता ने रोक कर पूछा- क्या है?
किसान- साब गेहूँ...
संता- अबे! तेरी तो, हाथ मिला मैं भी तो गे हूँ........



आज दीदार, कल यार,  परसों प्यार, फिर इकरार,
और फिर-इंतजार,
फिर-तकरार,
फिर-दरार,
सारी मेहनत-बेकार,
आजकल हमारा यही हाल है सरकार



मेरी हर याद में तुम हो
मेरी हर याद में तुम हो
मेरी हर याद में तुम हो
मेरी हर याद में तुम हो
और
तुम हो
कुत्ते की दुम हो
पता नही कहा गुम हो


1 नियुज पेपर में छपा था की
50% लड़किया मुर्ख होती हैं!
इस पर लड़कियों ने खूब हंगामा किया
और
छपवाया -
50% लडकिया मुर्ख नही होती.

Thursday 18 February 2010

सिर्फ 1411 बाघ ही बचे हैं, कहीं बच्चो को ये न बताना पड़े की, बेटा हमारा राष्ट्रीय पशु "?????" हैं.

आप सोच रहे होगे की ये मैंने दुबारा क्यों पोस्ट किया हैं तो मैं आपको बता दू की मेरे जैसे ही इस दुनिया में कई लोग ऐसे हैं जो आपने अलावा भी किसी के बारे मे सोचते हैं उन्ही में से एक काफी ही अच्छे विचार वाले व्यक्ति नरेंदर नेगी ने इसमें कुछ सुधार किया हैं और इसे दुबारा से प्रकाशित करने का आग्रह किया हैं इसलिए मैंने इसे दुबारा प्रकाशित कर रहा हु.


सिर्फ 1411 बाघ ही बचे हैं, कहीं बच्चो को ये न बताना पड़े की, बेटा हमारा राष्ट्रीय पशु "?????" हैं. 
 
Just 1411 left. जैसा की आपको फोटो को देखकर ही पता चल गया होगा की मैं आप सब के सामने क्या विचार रखना चाहता हूँ. पिछले दिनों में मैंने जब ये देखा की हमारे भारतवर्ष देश में जहाँ का राष्ट्रीय पशु  बाद्य  (चीता)  हैं  बाद्य सिर्फ एक हमारा राष्ट्रीय पशु नहीं है, यह भी खाद्य श्रृंखला के एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो प्रकृति में संतुलन बनाए रखता है. और  जैसा कि पिछले दशको पहले हमारे देश में इनकी संख्या लगभग 40,000 के आस-पास थी लेकिन अब इनकी संख्या सिर्फ 1411 ही रह गयी हैं.  यह एक खतरनाक संकेत है.  और सबमे कहीं न कहीं हमारा ही दोष हैं, कैसे ???

कुदरत और प्रकृति ने हमारे देश को ही नहीं बल्कि पूरी पृथ्वी को जीवन से नवाजा हैं और हर तरफ जहाँ भी नजर जाती हैं वहां हमें इस जीवन की विभिन्न उदहारण देखने को मिल जायंगे. और कुदरत ने सब को अपने मुताबिक जीवन व्यापन करने का हक़ दिया हैं. लेकिन हम मनुष्यों ने तो सिर्फ ये एक सोच बना ली हैं की ये पृथ्वी सिर्फ हमारी हैं और सारा अधिपत्य इसपर हमारा ही हैं. क्या ये हम सही कर रहे हैं ???? लेकिन मैं आपको बतलाना चाहता हु की हम भी पहले कभी इन बेजुबानो की तरह ही थे..... और हमने अपने आप को इतना विकसित किया की हम बाकियों को भूल गए. लेकिन अपने विकास के लिये किसी के घर मे घुसना और उनको मारना क्या उचित है. वो बेजुबान जानवर है पर हम क्या इन्सान कहलाने लायक है ??????????
 
      शायद में भी इसके बारे में कभी बात नहीं करता, अगर में ये न देखता. लेकिन अब मुझे भी दुःख होता हैं की पिछले कुछ दशको में जो इनकी संख्या में इतनी गिरावट आई हैं की हमारी आने वाली नयी पीड़ी को हमें इनके बारे में बताने के लिए उन्हें किसी संग्राहलय में ले जाना पड़ेगा जहाँ पर इनकी भी हड्डियों का एक ढाचा या इनका पुतला बना होगा ठीक वैसे ही जैसे हमें अभी डायनासोरो के बने होते हैं.  और Jim Corbett National Park & Ranthambore National Park मे बाद्य नही उनके पध चिन्हो को देख्नने जाया करेंगे.


और तो और हो सकता हैं की हमारे देश का राष्ट्रीय पशु के सूचक के रूप में हमें कोई और जीव मिल जाये...............
लेकिन क्या ये सही हैं और कितने हद तक ??????
अभी भी हमने कुछ न किया तो शयद ये नौबत आ जाये की हम अपने बछो को आगे चल कर ये बताये की :-
बेटा हमारा राष्ट्रीय पशु "?????" हैं.
और उसने हमसे गलती से ये प्रश्न पूछ लिया की पहले तो हमारा राष्ट्रीय पशु बाद्य  (चीता ) था लेकिन अब कैसे बदल गया ? तो आप लोग तैयार हैं न इसका जवाब देने के लिए........... 
 
 अब आप लोग सोचंगे की इसमें हम क्या कर सकते हैं, इनके अवैध शिकार को कैसे रोकेंगे , लेकिन हम नही करेंगे तो कौन करेगा ? कैसे !!
 
बहुत आसान है, लोगो को जागरुक करके, SAVE TIGER आभियान मे हिस्सा ले कर और जानवरो की खालो से बनी चीजो का बहिष्कार करके.
हम सिर्फ़ ये सोच कर कि, ये तो सरकार का काम है, हमे चुप नही बैठना चाहिये. हमे आगे बडकर, पहल करके इस अभियान को सफल बनाने मे मदद करनी चाहिये. 
 
मैंने तो तैयारी कर ली हैं की मुझसे जितना होगा में उतना इसके बारे में दुसरे लोगो को जागरूक करूँगा. आप भी करे.
और धन्यवाद् दे Aircell कंपनी को जिन्होंने इसके लिए लोगो को जागरूक करने के लिए अपना एक कदम इस दिशा की ओर बढाया हैं और हमें याद दिलाया की ......
हमने अपने जीवन को तो सवार लिया लेकिन उन बेजुबानो का क्या दोष था?
 देखे Save The Tigars और आप भी इस मुहीम में जुड़े.  
 
 SAVE TIGER  !      SAVE EARTH  !

जो 14 Feb को परपोज करते है


गधे है वो लोग
जो 14Feb को परपोज करते है
मेरी मानो
1st April को परपोज करो
मान गयी तो 'I LOVE U'..
गुस्सा किया तो 'APRIL FOOL" 




संता स्कूल से रोता हुआ आया
माँ : ओये क्यों रो रहा हैं?
संता : मुझे सर ने मारा..
माँ : तुझे सर ने क्यों मारा?
संता : वो सर बंता को डाट रहे थे तो मैं बस बंता से इतना बोला की "जो भौकते हैं, वो काटते नहीं और जो काटते हैं वो भौकते नहीं"




100 साल का आदमी मरने के बाद, स्वर्ग की अप्सराओ को देखके बोला
" ये रामदेव बाबा के चक्कर में न पड़ा होता तो 30 साल पहले आ गया होता" .




संता : चल रेस लगते हे जो हारा वो 1000 रु. देगा
बंता : ठीक हे पर मुजे रास्ता नही पता
संता : बस तू मेरे पीछे पीछे रहना
बंता : धन्यवाद्, तेरे जैसा दोस्त हर किसी को मिले.



Monday 15 February 2010

बस 1411 बाघ बचे हैं, अपने बच्चो को क्या बताओगे?

Just 1411 left. जैसा की आपको फोटो को देखकर ही पता चल गया होगा की में आप सब के सामने क्या विचार रखना चाहता हूँ. पिछले दिनों में मैंने जब ये देखा की हमारे भारतवर्ष देश में जहाँ का राष्ट्रीय पशु बाघ हैं और पिछले कई दशको पहले हमारे देश में इनकी संख्या लगभग 40,000 के आस-पास थी लेकिन अब इनकी संख्या सिर्फ 1411 ही रह गयी हैं. अब आप लोग सोचंगे की इसमें हम क्या कर सकते हैं, इनके अवैध शिकार को कैसे रोकेंगे तो आप लोगो का सोचना भी ठीक हैं लेकिन इन सबमे कहीं न कहीं हमारा ही दोष हैं, कैसे ???

कुदरत और प्रकृति ने हमारे देश को ही नहीं बल्कि पूरी पृथ्वी को जीवन से नवाजा हैं और हर तरफ जहाँ भी नजर जाती हैं वहां हमें इस जीवन की विभिन्न उदहारण देखने को मिल जायंगे. और कुदरत ने सब को अपने मुताबिक जीवन व्यापन करने का हक़ दिया हैं. लेकिन हम मनुष्यों ने तो सिर्फ ये एक सोच बना ली हैं की ये पृथ्वी सिर्फ हमारी हैं और सारा अधिपत्य इसपर हमारा ही हैं. क्या ये हम सही कर रहे हैं ???? लेकिन मैं आपको बतलाना चाहता हु की हम भी पहले कभी इन बेजुबानो की तरह ही थे..... और हमने अपने आप को इतना विकसित किया की हम बाकियों को भूल गए.
शायद में भी इसके बारे में कभी बात नहीं करता, अगर में ये न देखता. लेकिन अब मुझे भी दुःख होता हैं की पिछले कुछ दशको में जो इनकी संख्या में इतनी गिरावट आई हैं की हमारी आने वाली नयी पीड़ी को हमें इनके बारे में बताने के लिए उन्हें किसी संग्राहलय में ले जाना पड़ेगा जहाँ पर इनकी भी हड्डियों का एक ढाचा या इनका पुतला बना होगा ठीक वैसे ही जैसे हमें अभी डायनासोरो के बने होते हैं.

और तो और हो सकता हैं की हमारे देश का राष्ट्रीय पशु के सूचक के रूप में हमें कोई और जीव मिल जाये...............
लेकिन क्या ये सही हैं और कितने हद तक ??????
अभी भी हमने कुछ न किया तो शयद ये नौबत आ जाये की हम अपने बछो को आगे चल कर ये बताये की :-
बेटा हमारा राष्ट्रीय पशु "?????" हैं.
और उसने हमसे गलती से ये प्रश्न पूछ लिया की पहले तो हमारा राष्ट्रीय पशु बाघ था लेकिन अब कैसे बदल गया ? तो आप लोग तैयार हैं न इसका जवाब देने के लिए...........
मैंने तो तैयारी कर ली हैं की मुझसे जितना होगा में उतना इसके बारे में दुसरे लोगो को जागरूक करूँगा. आप भी करे.
और धन्यवाद् दे Aircell कंपनी को जिन्होंने इसके लिए लोगो को जागरूक करने के लिए अपना एक कदम इस दिशा की ओर बढाया हैं और हमें याद दिलाया की ......
हमने अपने जीवन को तो सवार लिया लेकिन उन बेजुबानो का क्या दोष था?
 देखे Save The Tigars और आप भी इस मुहीम में जुड़े.

लेकिन जब दो दिल मिलते हैं तो एक क्यों हो जाते हैं?


मुन्ना भाई: अगर बिना दांतों का कुत्ता कटे तो क्या करना चाहिए...???
सर्किट : सिंपल भाई... बिना सुई का इंजेक्शन लेने का..!!!
भेजने वाले : अर्जुन


उस नजर को मत देखना,
जो तुम्हे देखने से इंकार करती हो.
दुनिया की भीड़ में उस नजर को देखना जो सिर्फ तेरा इंतजार करती हो.
भेजने वाले : राज कुमार


लम्हो मे जो कट जाए वो क्या जिंदगी,
ऑसुओ मे जो बह जाए वो क्या जिंदगी,
जिंदगी का फलसफां हि कुछ और है,
जो हर किसी को समझ आए वो क्या जिंदगी
भेजने वाली : रश्मि


डाली डाली पर नजर डाली 
जिस डाली पर हमने नजर डाली
वो डाली किसी
जालिम ने काट डाली
भेजने वाली : सोनी राना


जब दो लोगो की आखे मिलती हैं तो चार हो जाती हैं?
लेकिन जब दो दिल मिलते हैं तो एक क्यों हो जाते हैं?
भेजने वाले : आजम


एक छोरा नल के पास नंगा खड़ा थे.
उसके दोस्त ने पुछा क्यों रे नहा क्यों नहीं रहा हैं.
वो बोला..यार नागा नहायेगा क्या और निचोडेगा क्या?
भेजने वाले : राहुल गुप्ता


शाम सवेरे थारी घनी याद सतावे है.
साड़ी रात मने जगावे है.
करने को तो करलू कॉल तन्ने.
पर के करू कस्टमर केयर की छोरी बार बार बलेंस लो बतावे
भेजने वाले : राकेश

Saturday 13 February 2010

मैं जनता हु की "लिप्स कैन लाई.. बट हिप्स डोंट लाई"

तूफानी बारिश में एक आदमी पिज्जा लेने दुकान पर गया,
दुकानदार ने पूछा आप शादी-शुदा हो,
आदमी ने कहा आपको क्या लगता है?
" इतनी बारिश में मेरी माँ ने मुझे पिज्जा लेने भेजा है...... "

भेजने वाली : आरती द्विवेदी



बंता -- क्या तुमने मूली का परांठा खाया हैं?
संता -- नहीं मैंने तो सैंडविच खाया हैं.
बंता -- झूठ मत बोल क्योंकि.... मैं जनता हु की "लिप्स कैन लाई.. बट हिप्स डोंट लाई"

भेजने वाले : गोल्डी राज

संता ने एक लड़की को प्रपोज किया,
लड़की बोली मैं तुम से 1 साल बड़ी हूँ।
संता बोले, ओये नो प्रोब्लम सोणिये, मैं तुम से अगले साल शादी करूँगा।

संता आर्ट गैलरी में पहुँच बोले,
इस खतरनाक सी दिखने वाली तस्वीर को आप मार्डन आर्ट कहते हो।
गैलरी वाला बोला, ‘माफ कीजिये सर, ये तो मिरर (दर्पण) है।

एक बार संता बहुत धीरे धीरे लिख रहे थे,
दोस्त ने कहा इतने धीरे क्या लिख रहे हो।
संता बोले अपने 6 साल के बेटे को लैटर लिख रहा हूँ वो तेज नही पढ़ सकता ना।

भेजने वाले : अशोक कुमार


मुस्किलो से आपकी मुलाकात न हो,
उदास बैठो कभी ऐसी बात न हो,
दुआ है के महेफिलो से सजे
ज़िंदगी आपकी... बस इस दोस्त को
याद कर लेना जब कोई साथ न हो.

भेजने वाले : अखिलेश

Thursday 11 February 2010

एक दोस्त चाहिए

ज़मीन, ना सितारे, ना चाँद, ना रात चाहिए,
दिल मे मेरे, बसने वाला किसी दोस्त का प्यार चाहिए,

ना दुआ, ना खुदा, ना हाथों मे कोई तलवार चाहिए,
मुसीबत मे किसी एक प्यारे साथी का हाथों मे हाथ चाहिए,

कहूँ ना मै कुछ, समझ जाए वो सब कुछ,
दिल मे उस के, अपने लिए ऐसे जज़्बात चाहिए,

उस दोस्त के चोट लगने पर हम भी दो आँसू बहाने का हक़ रखें,
और हमारे उन आँसुओं को पोंछने वाला उसी का रूमाल चाहिए,

मैं तो तैयार हूँ हर तूफान को तैर कर पार करने के लिए,
बस साहिल पर इन्तज़ार करता हुआ एक सच्चा दिलदार चाहिए,

उलझ सी जाती है ज़िन्दगी की किश्ती दुनिया की बीच मँझदार मे,
इस भँवर से पार उतारने के लिए किसी के नाम की पतवार चाहिए,

अकेले कोई भी सफर काटना मुश्किल हो जाता है,
मुझे भी इस लम्बे रास्ते पर एक अदद हमसफर चाहिए,

यूँ तो 'मित्र' का तमग़ा अपने नाम के साथ लगा कर घूमता हूँ,
पर कोई, जो कहे सच्चे मन से अपना दोस्त, ऐसा एक दोस्त चाहिए

Tuesday 9 February 2010

लूज केरेक्टर



एक दिन एक औरत दुकान से तोता खरीदने गयी....
उसने दुकानदार से कहा वासिम भाई एक तोता चाहिए....
दुकानदार ने उसे एक तोता दिखाया...

 
औरत ने पूछा इस तोते की खास बात क्या है वासिम भाई...
दूकानदार बोला ये तोता बोलता है
औरत ने कहा अच्छा..
उसने तोते से पूछा मैं तुम्हे कैसी लगती हुईं

" साली तू
बड़ी लूज केरेक्टर की औरत लगती है" तोते ने कहा.
औरत ने कहा वासिम भाई ये तो बहुत बदतमीज तोता है गाली देता है.

वासिम भाई उसे अंदर ले गया और पानी में डुबाया और पूछा...

गाली देगा...

तोता. हैं दूंगा

वासिम ..फिर डुबाया और पूछा ."गाली देगा"

तोता... हां दूंगा....

वासिम ने फिर पानी में डुबाया और कहा. गाली देगा..

इस बार तोता मान गया और कहा नहीं दूंगा भाई नहीं दूंगा,,,,,

वो उसे बहार ले गया और
औरत से कहा ये अब गाली नहीं देगा..

तब
औरत ने उससे पूछा...

अगर मेरे घर पर मेरे साथ एक आदमी आये तो तुम क्या सोचोगे.

तोते ने कहा.. की तुम्हारा पति होगा..
औरत.. अगर दो आदमी आये तो क्या.

तोता. तुम्हारा पति और देवर,
औरत. अगर तीन आदमी..

तोता. तुम्हारा पति ,देवर, और भईया.
औरत.. अगर चार आदमी आये तो...

तोता.....



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वासिम भाई पानी लाओ...

मैंने तो पहले ही कहा था की

"
साली ये बड़ी लूज केरेक्टर की हैं".






भेजने वाले : गोल्डी राज

Monday 8 February 2010

संता : ओये तेरी!! ये तो अयोध्या लग गया..


किसी की झील सी
आँखों में
यह दिल डूब जाना
चाहता हैं
पर फिर एक ख्याल आता हैं
साला
अपुन को
तैरना कहाँ आता हैं?


सोनू आँखे बंद कर के आईने के सामने खड़ा था..
मोनू - ये क्या कर रहा हे बे साले?
सोनू - देख रहा हु यार, मैं सोते वक़्त कैसे दीखता हूँ.


संता डायल नंबर और एक लड़की ने फ़ोन उठाया
संता : कौन?
लड़की : मैं सीता..
आप कौन?
संता : ओये तेरी!! ये तो अयोध्या लग गया..

Monday 1 February 2010

हमने अपने जीवन को तो सवार लिया लेकिन उन बेजुबानो का क्या दोष था?

Just 1411 left.
जैसा की आपको फोटो को देखकर ही पता चल गया होगा की में आप सब के सामने क्या विचार रखना चाहता हूँ. पिछले दिनों में मैंने जब ये देखा की हमारे भारतवर्ष देश में जहाँ का राष्ट्रीय पशु चीता हैं और पिछले कई दशको पहले हमारे देश में इनकी संख्या लगभग 40,000 के आस-पास थी लेकिन अब इनकी संख्या सिर्फ 1411 ही रह गयी हैं. अब आप लोग सोचंगे की इसमें हम क्या कर सकते हैं, इनके अवैध शिकार को कैसे रोकेंगे तो आप लोगो का सोचना भी ठीक हैं लेकिन इन सबमे कहीं न कहीं हमारा ही दोष हैं, कैसे ???
कुदरत और प्रकृति ने हमारे देश को ही नहीं बल्कि पूरी पृथ्वी को जीवन से नवाजा हैं और हर तरफ जहाँ भी नजर जाती हैं वहां हमें इस जीवन की विभिन्न उदहारण देखने को मिल जायंगे. और कुदरत ने सब को अपने मुताबिक जीवन व्यापन करने का हक़ दिया हैं. लेकिन हम मनुष्यों ने तो सिर्फ ये एक सोच बना ली हैं की ये पृथ्वी सिर्फ हमारी हैं और सारा अधिपत्य इसपर हमारा ही हैं. क्या ये हम सही कर रहे हैं ???? लेकिन मैं आपको बतलाना चाहता हु की हम भी पहले कभी इन बेजुबानो की तरह ही थे..... और हमने अपने आप को इतना विकसित किया की हम बाकियों को भूल गए.
शायद में भी इसके बारे में कभी बात नहीं करता, अगर में ये न देखता. लेकिन अब मुझे भी दुःख होता हैं की पिछले कुछ दशको में जो इनकी संख्या में इतनी गिरावट आई हैं की हमारी आने वाली नयी पीड़ी को हमें इनके बारे में बताने के लिए उन्हें किसी संग्राहलय में ले जाना पड़ेगा जहाँ पर इनकी भी हड्डियों का एक ढाचा या इनका पुतला बना होगा ठीक वैसे ही जैसे हमें अभी डायनासोरो के बने होते हैं.

और तो और हो सकता हैं की हमारे देश का राष्ट्रीय पशु के सूचक के रूप में हमें कोई और जीव मिल जाये...............
लेकिन क्या ये सही हैं और कितने हद तक ??????
अभी भी हमने कुछ न किया तो शयद ये नौबत आ जाये की हम अपने बछो को आगे चल कर ये बताये की :-
बेटा हमारा राष्ट्रीय पशु "?????" हैं.
और उसने हमसे गलती से ये प्रश्न पूछ लिया की पहले तो हमारा राष्ट्रीय पशु चीता था लेकिन अब कैसे बदल गया ? तो आप लोग तैयार हैं न इसका जवाब देने के लिए...........
मैंने तो तैयारी कर ली हैं की मुझसे जितना होगा में उतना इसके बारे में दुसरे लोगो को जागरूक करूँगा. आप भी करे.
और धन्यवाद् दे Aircell कंपनी को जिन्होंने इसके लिए लोगो को जागरूक करने के लिए अपना एक कदम इस दिशा की ओर बढाया हैं और हमें याद दिलाया की ......
हमने अपने जीवन को तो सवार लिया लेकिन उन बेजुबानो का क्या दोष था?
 देखे Save The Tigars और आप भी इस मुहीम में जुड़े.