Monday 28 September 2009

प्यार के लिए जनहित में जारी......................

प्यार पर किसका बस है , यह तो बस हो जाता है..
कब हुआ….
कैसे हुआ...
कब ''उसके'' लिए बेचैन…..रहे लगे…..
कोई नहीं जान पता..
और जब हो जाता है तब बाकि बचा सारा संस्सर सूना - सूना सा लगने लगता है..
सिर्फ एक ही चाहत….
एक ही ज़िन्दगी..
एक ही..अहसास..
एक ही…ख़ुशी…..
एक ही….धुन….
एक ही ..सोच…. रह जाती है..
….''मेरा प्यार'' !!!!
प्यार करने में कोई बुराई नहीं है लेकिन यदि यह सिर्फ दिल बहलाने की बात है तो जरा संभल जायें..
किसी की भावनाओं से खिलवाड़ न करे..
इसका आपको कोई अधिकार नहीं मिला है….
दिल कोई खिलौना नहीं जो इससे खेला जाये…
किसी से नजदीकी बढाने से पहले यह जान लें की एक दूसरे के प्रति यह अहसास प्यार है की….छलावा !!!!
प्यार एक अहसास है जिसकी तरंगे दिल से जुडी होती हैं…
इसी लिए जब इस प्यार रुपी अहसास के साथ खिलवाड़ होता है तब वो तरंगे दिल में वाइब्रेशन करतीं हैं जिससे वो नॉर्मली वर्क करना बंद कर देता है,,
और दर्द का अहसास होता है…..
प्यार एक सुखद अनुभूति है और प्यार एक पवित्र रिश्ता होता हैं .....
प्यार के लिए जनहित में जारी......................
एक प्यार करने वाला .........

Wednesday 23 September 2009

अपरिचित व्यक्तियो की बात "बहुत फेमिली प्रॉब्लम है"

अपरिचित व्यक्तियो की बात : दो व्यक्ति एक बार में बैठे थे ......
एक ने कहा

...." यार.... बहुत फेमिली प्रॉब्लम है "..

दूसरा व्यक्ति : तु पहले मेरी सुन........

मैंने एक विधवा महिला से शादी की जिसके एक लड़की थी ...
कुछ दिनों बाद पता चला कि मेरे पिताजी को उस विधवा महिला कि पुत्री से प्यार है ....और उन्होने इस तरह मेरी ही लड़की से शादी कर ली ...

अब मेरे पिताजी मेरे दामाद बन गए और मेरी बेटी मेरी माँ बन गयी....और मेरी ही पत्नी मेरी नानी हो गयी !!

ज्यादा प्रॉब्लम तब हुई जब लड़का हुआ ..अब मेरा लड़का मेरी माँ का भाई हो गया तो इस तरह मेरा मामा हो गया .......

परिस्थिति तो तब ख़राब हुई जब मेरे पिताजी को लड़का हुआ ....मेरे पिताजी का लड़का यानी मेरा भाई मेरा ही नवासा( दोहिता ) हो गया और इस तरह मैं स्वयम का ही दादा हो गया और स्वयम का ही पोता बन गया .....

और तू कहता है कि तुझे फॅमिली प्रॉब्लम है

Thursday 17 September 2009

ओह जी पूछो मत

http://i.peperonity.com/c/D12BEB/232814/ssc3/home/028/knew/sardar.gif_320_320_256_9223372036854775000_0_1_0.gifआज तक को एक खबर मिली 100 सरदार अमृतसर स्टेशन पे मारे गए.
उनमे से सिर्फ एक ही सरदार जिन्दा बचा.
आज तक की तरफ से एक पत्रकार सरदार जी के पास गया, "सरदारजी ये सब कैसे हुआ?"
सरदार: "ओह जी पूछो मत.
सब कुछ सही था सब लोग प्लेटफोर्म पर खड़े गाडी की वेट कर रहे थे.
अचानक अनाउंसमेंट हुई की शताब्दी एक्सप्रेस 2 न. प्लेटफोर्म पर आ रही है.
जैसे ही सब ने सुना की गद्दी प्लेटफोर्म पर आ रही है, सब लोग अपनी जान बचाने के लिए पटरी पर कूद गए.
और तभी गद्दी पटरी पर आ गयी.
"आज तक : " थेंक गोड. आप ने समझदारी दिखाई. आप पटरी पर नहीं कूदे."
सरदार : "ओए नहीं जी, मैं तो सुसाईड करने के लिए पटरी पर ही लेता था जैसे ही अनाउंसमेंट हुई मैं तो प्लेटफोर्म पर चढ़ गया."