Thursday 19 March 2009

"आया सावन झूम के"


एक ट्रक के पीछे लिखा था"
"सावन को आने दो"
तभी पीछे से दूसरा ट्रक आया ओर उसमे ठोकर मर दी
क्योकि उसके पीछे लिखा था "आया सावन झूम के"

भेजने वाली :- सारिका




ट्विंकल-ट्विंकल लिटल स्टार
तेरी गर्लफ्रेंड गयी बाज़ार
उसको मिल गया दूसरा यार
उसके साथ वो हो गई फरार
अब तू बैठ के मक्खिया मार.

भेजने वाली :- ममता




गर्ल्स शादी के बाद मांग क्यों भारती हे?
क्योकि
ताकि लड़को को पता लग जाए की इस प्लाट का भूमि पूजन हो चूका है.

भेजने वाला :- संजय कुशवाहा




लड़कियां अपना दुपट्टा लड़के के सामने आने के बाद ही क्यों ठीक करती हैं?
लुटेरों को देख कर ही दौलत की हिफाज़त का ख्याल आता है!

भेजने वाला :- बसंत कुमार कंवत

Thursday 12 March 2009

तेरा बाप भिकारी हे क्या?

टीचर पठान से - कातिल किसे कहते है?
पठान - पता नहीं टीचर - अगर तुम अपने बाप का कतल कर दो तो तुम क्या कहलाओगे?
पठान -यतीम!!




आज लड़किया मर्दों से कम नही
हमें इस बात का कोई गम नही
माना वो चाँद तक जायेगी
मगर ज़मीन पे आकर तो
हमारा ही सर खायेगी!!




कंडक्टर स्टुडेंट से : हमेशा डोर में खड़े रहतो हो तेरा बाप वाचमैन है क्या?
स्टुडेंट : तू हमसे चिल्लर पूछता हैं तेरा बाप भिकारी हे क्या?




लड़का : मुझे मेहनती, सादगी से रहने वाली,
आज्ञाकारी और घर संवार कर रखने वाली लडकी चाहिए.
लड़की : मेरे घर आके मेरे नौकरानी को ले जाना.




Tuesday 10 March 2009

होली के रंग

Holi,

A very famous - colourful festival of India. Now when its season of HOLI everywhere then how come “ikshayar” can left untouched by it. Its a small attempt from me for Holi ki shayari.

http://drprabhattandon.files.wordpress.com/2007/03/hin_holi_c-16.jpg

होली की शायरी को मैं हिन्दी में भी लिखुंगा-

अनेक रंग है इस पर्व के, अनेक रंग समेटे है ये
त्योहार है ये रंगों का, अनेक रंग समेटे है ये

पर्व ये ऐसा जब रंग सारे खिलते है,
बैर और दुश्मनी के दंभ सारे धुलते हैं,
बहता है रंग जो चहुं ओर
मित्रता के संगत बनते हैं

पर्व ये ऐसा जब रंग सारे खिलते है,
प्रीत की रीत के परि‍णय बनते हैं,
होती है मादकता हर ओर
प्रेम के मधुर पग बढ़ते हैं

पर्व ये ऐसा जब रंग सारे खिलते हैं,
जीवन पे पसरी नीरसता मिटती है,
होती है प्रसन्नता सभी ओर
नयी उमंग में सब संग बढ़ते है

अनेक रंग है इस पर्व के, अनेक रंग समेटे है ये
त्योहार है ये रंगों का, अनेक रंग समेटे है ये

अब इसे मैं अंगरेजी में लिखुंगा ताकि जिन्हें देवनागरी की समझ न हो वे भी इसको बिना कठिनाई पढ़ सकें |
Now I will write same with help of english so that those who cant read Hindi but can understand can also read it .

Holi ke Rang

Anek rang hain iss parv ke, anek rang samete hai ye,
Tyohaar hai ye rango ka, anek rang samete hai ye,

parv ye aisa jab rang sare khilte hain,
Bair aur dushmani ke dambh saare dhulte hain,
Behta hai rang chahu.N oar…
Mitrata ke sangat bante hain !

Parv ye aisa jab rang sare khilte hain,
Preet ki reet ke parinaye bante hain,
Hoti hai madakta har aor..
Prem ke madhur pag badhte hain !

Parv ye aisa jab rang sare khilte hain,
Jeevan pe pasri neerasta mit-ti hai,
Hoti ha prasannata sabhi aor..
Nayi Umang mein sab sang bharte hain !

Anek rang hain iss parv ke, anek rang samete hai ye,
Tyohaar hai ye rango ka, anek rang samete hai ye,

https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhmM4dsqarVQ8Y_21FzCACzRYytXZ0dHIpzWtKS30i3TyxnKDRu-Y-V2K6e09dNbzokqYi4uZxcA1PaXxfzvd5HcRzxVn4yaYZyQAdPcz-n2vBUoPoTAr0ZADXPSROfn8dYWQG3oAGbmHI/s400/hola.bmp

–ikShayar

होली की कथा

http://www.indif.com/nri/Kathas/images/holi.gif

Thursday 5 March 2009

उससे जायदा मिटा के रोये.

एक बस में लड़को और लड़कियो की टीम बनी अन्ताक्षरी के लिए.....
लड़की - हम तुमको हरा कर दिखायेंगे
लड़के -लो हार गए अब दिखाओ


कभी रो के मुस्कुराई तो
कभी मुस्करा के रोये
उसकी याद जब भी आई
उसे भुला केर रोये
एक उसका ही नाम था
जो हज़ार बार लिखा.
जितना लिख के खुश हुए
उससे जायदा मिटा के रोये.


हसने के बाद क्यों रुलाती है दुनिया,
जाने के बाद क्यों भूलती है दुनिया,
ज़िन्दगी में क्या कसर बाकी रह जाती है,
जो मरने के बाद भी जलती है दुनिया.


मज़बूरी क्या थी उन्होंने बताई तो होती.

जुदाई की वजह कभी सुने तो होती.
अपनी जान भी तोहफे में दे देते.
मेरी मौत की खोवाइश जताई तो होती.



शाम सवेरे थारी घनी याद सतावे है.
साड़ी रात मने जगावे है.
करने को तो करलू कॉल तन्ने.
पर के करू कस्टमर केयर की छोरी बार बार बलेंस लो बतावे है.

भेजने वाली छोरी - ममता