Tuesday 13 April 2010

तब खुदा भी रो पड़ा मोहब्बत के अंजाम पे.

बर्बाद कर गई जिंदगी मोहब्बत के नाम पे, बेवफ़ाई मिल गई वफा के नाम पे ,
जब जहर दे गई वो दावा के नाम पे, तब खुदा भी रो पड़ा मोहब्बत के अंजाम पे.

बॉय : हे गर्ल, वत्स यूअर नेम?
गर्ल :"अमिताभ भचन को ढाका मारो
बॉय :मीन्स वॉट?
गर्ल :"पुश पीएए"

टीचर : प्यार और इश्क़ में क्या फर्क है?
स्टूडेंट : सर, प्यार वो है जो आप अपनी बेटी से करते हैं
और इश्क़ वो है जो में आपकी बेटी से करता हूँ!

धीरे धीरे दूर होते गए वक्त के आगे मजबूर होते गए
इश्क़ मे हम ने ऐसी चोट खाई की हम बेवफा ओर वो बेकसूर होते गए..

जस्ट इमेजीन : जो हम चाहते हे वो आसानी से नहीं मिलता हे,
लेकिन मेरे दोस्त ज़िंदगी का सच ये हे की हम वो ही चाहते हे जो आसान नहीं होता

दिलसे फूल बन के आप महकना जानते हो, मुस्कुराके आप गुम भूलना जानते हो.
लोग खुश होते हैं मिल के आपसे क्योंकि, बिना मिले ही आप रिश्ते निभाना जानते हो...

गुजरा वक्त दिल की दास्तां सुनाएगा, कभी साथ थे हम हर पल याद आएगा,
गौर से पलटना जिंदगी के पन्नो को, काही न काही तो हमारा नाम नज़र आएगा.

हसकर जीना दस्तूर है ज़िंदगी का।
एक यही किस्सा मशहूर है ज़िंदगी का।
बीते हुए पल कभी लौट कर नहीं आते,
यही सबसे बड़ा कसूर है ज़िंदगी का...!

कोई कितना भी आपको सता लेगा कोई कितना भी आपको रुला लेगा.
आप दिल से हमे याद करके देखना मेरी याद का हर लम्हा आपको हसा देगा...


भेजने वाले : गौरांग स्वदिया

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