Thursday 20 December 2007

दर्द भरे शेर

तेरे चेहरे की चमक सदा बनी रहे,
हसीं इन लबों पे सदा सजी रहे,
दूर रखे खुदा सारे गमो से तुझे,
खुशी तेरे दामन में सदा बनी बनी.

सिने में लगी आग को दबा लेंगे,
दिल में उस बात को छुपा लेंगे.

तुझे देखे बिना तेरी तस्वीर बना सकता हूँ,
तुझसे मिले बिना तेरा हाल बता सकता हूँ,
हैं, मेरी दोस्ती में इतना दम की, अपनी,
आखों के आसूं तेरी आखों से गिरा सकता हूँ.

बेवफा जब भी तेरी याद आती हैं,
टूटे दिल से आह निकल जाती हैं,
इस पर तुने मरहम तो लगाया नही था,
फ़िर क्यों तेरी याद इसे आ जाती हैं.

तुम अपने मादक नयनो से मुझे यूं इशारा न करो,
क्योंकि तेरे मादक नयनो को देखकर मेरा मन भी बहक जाता हैं.

कसम खाने के बाद, अक्सर वह हमे भूल जाते हैं,
तभी तो हम उन्हें बेवफा कहते हैं.

मुक्कदर का गरीब, दिल का आमिर था
मिलकर बिछड़ना मेरा नसीब था,
चाह कर भी कुछ कर न सके हम,
घर जलता रहा और समुन्दर करीब था.

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