Thursday 2 December 2010

नहीं आये तुम ख्वाबो में

नहीं आये तुम ख्वाबो में, क्यों करते हो इतना सितम..
खूब तड़पाते हो हमें , खुद पे भी इतना सितम ढाते हो.

नहीं आये तुम ख्वाबो में, क्यों करते हो इतना सितम..
 ना करो ऐसा जुल्म , हर तडपन से एक आह निकलती हैं.

जो सीधे इस दिल तक पहुचती हैं और,  कर देती है दिल को बेचैन.

नहीं आये तुम ख्वाबो में, क्यों करते हो इतना सितम..
एक दिन मांग लेंगे हम भी एक दुआ, ना खोले हम कभी आखे.
जिन ख्वाबो में तुम ना आये, वो दिन हमारी जिन्दगी में कभी फिर ना आये.





Written By : Pawan Mall

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