Wednesday 8 September 2010

आज ले चलो मुझे मैखाने आज दिल टूटा है,

आज ले चलो मुझे मैखाने आज दिल टूटा है,
गम भी भुलाना है और अश्क भी छुपाने है
खुद भी पीना है और दोस्तों को भी पिलाना है


आज ले चलो मुझे मैखाने आज दिल टूटा है,
क्या खूब भाती है, ये मस्तानी चीज
भूला देती है सारे गम और दुःख
करती है दिलज़लो को भी खुश
मदहोशी का आलम छा जाता है
जिसने भी इससे प्रीत लगायी


आज ले चलो मुझे मैखाने आज दिल टूटा है,
झूट बोलते है वो लोग जो कहते है
मेरे यार में रब बसता है
ना करना ऐतबार इन सबपर
क्योंकि मेरा खुदा तो वहां बसता है
जहाँ मेरी महफ़िलो का दरबार सजता है


आज ले चलो मुझे मैखाने आज दिल टूटा है,
हाल-ए-दिल बयां करते है इन महफ़िलो में ये दिलजले
कौन समझाए इन अकल के मरो को की
"मुहबत अहसासों की एक पावन सी कहानी है,
कभी कबीरा दीवाना था तो कभी मीरा दीवानी थी"
फिर भी ये कहते है की..


आज ले चलो मुझे मैखाने आज दिल टूटा है,






Written By : Pawan Mall

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