Thursday 26 November 2009

आज हम परदे में हैं और वो बेनकाब आई




एक लड़की रोजाना बुर्के में कॉलेज जाती थी....
एक लड़का उस लड़की को बेहद प्यार करता था..
लड़का रोजाना उस लड़की को रस्ते में जाते हवे छेडा करता था....
लड़का लड़की से कहता ......एक पर्दा नाशी ...पर्दा हटा और अपने हुस्न का जलवा
दिखा ..
लड़की उसकी बात को सुनती और चुपचाप चली जाती ...
एक दिन लड़के ने रस्ते में लड़की का हाथ पकड़कर कहा ...
जान ,जानेमान , जानेजिगर , जाने तमन्ना ..
अगर तुमने कल मेरी मोहब्बत को काबुल नहीं किया तो मैं अपनी जान दे दूंगा .
लड़की मुस्कुराकर चली गयी ..
लड़की 3 - 4 दिन तक कालेज नहीं गयी
बाद में लड़की को पता चला की लड़के ने सच में खुदखुशी कर ली है ..
लड़की रोटी हुयी लड़के की कब्र पर गयी और अपना नकाब खोल कर बोली ..
अ मेरे गुमनाम आशिक देख तेरी महबूबा आई है जी भर के उसका दीदार कर ले ..
तभी कब्र में से आवाज़ आती है ..
हें खुदा ये तेरी कैसी खुदाई है ,आज हम परदे में हैं और वो बेनकाब आई

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