Sunday 3 May 2009

चल उठा कटोरा और शुरू हो जा!

अल्लाह आप को ज़िन्दगी दे
अल्लाह आप को दौलत दे
अल्लाह आप को खुशिया दे
अल्लाह आप को कामयाबी दे

सब याद हो गया????
चल उठा कटोरा और शुरू हो जा!



एक बार एक स्कूल मे
मास्टर जी एक लड़के को खडा कर के बोलते है
की बताओ मोहन ताज महल कहाँ है
मोहन बोला पता नहीं गुरु जी
तो मास्टर जी बोले बैंच पैर खड़े हो जाओ
मोहन बोला अभी भी नहीं दिख रहा है मास्टर जी

भेजने वाली : सारिका





दोस्ती एक दिल का नाता है,
जो बिना शर्त के निभाई जाती है
इसमें दूरिया हो तो कोई परवाह नही,
क्योकि दोस्त को दिल मे बसाया जाता है

दिल मे जो दर्द है उसे दिखाये किसे,
आखो के आशु सुखाये कैसे,
जो कहते थे के तुम बिन न जी सकेगें
उनको जिन्दगी मे वापस लाये कैसे.


जिन्दगी भी कितना कुछ सिखाती है
थोडा हसाती तो थोडा रुलाती है
हस के जो रो पड़े वो क्या सीखा
रो के जो हस गया वो समझो जीत गया.

भेजने वाली : अनुपम शिरोमणि



तेरे चेहरे की चमक सदा बनी रहे,
हसीं इन लबों पे सदा सजी रहे,
दूर रखे खुदा सारे गमो से तुझे,
खुशी तेरे दामन में सदा बनी बनी.

सिने में लगी आग को दबा लेंगे,
दिल में उस बात को छुपा लेंगे.

तुझे देखे बिना तेरी तस्वीर बना सकता हूँ,
तुझसे मिले बिना तेरा हाल बता सकता हूँ,
हैं, मेरी दोस्ती में इतना दम की, अपनी,
आखों के आसूं तेरी आखों से गिरा सकता हूँ.

बेवफा जब भी तेरी याद आती हैं,
टूटे दिल से आह निकल जाती हैं,
इस पर तुने मरहम तो लगाया नही था,
फ़िर क्यों तेरी याद इसे आ जाती हैं.

तुम अपने मादक नयनो से मुझे यूं इशारा न करो,
क्योंकि तेरे मादक नयनो को देखकर मेरा मन भी बहक जाता हैं.

कसम खाने के बाद, अक्सर वह हमे भूल जाते हैं,
तभी तो हम उन्हें बेवफा कहते हैं.

मुक्कदर का गरीब, दिल का आमिर था
मिलकर बिछड़ना मेरा नसीब था,
चाह कर भी कुछ कर न सके हम,
घर जलता रहा और समुन्दर करीब था.

भेजने वाला : संदीप

1 comment: