Friday 18 April 2008

मज़ेदार हिन्दी शायरी


वो आँख बड़ी प्यारी थी,
जो हमने उसे मरी थी,
वो संदले बड़ी भारी थी,
जो उसने हमे मरी थी,
मुफ्त में ही पिट गए यार,
हमें तो आँख की बीमारी थी.

http://www.franklin.ma.us/auto/upload/schools/horace/909-think.gif
सोच समझ के ना की शादी जिसने,
उसने जीवन बिगाड़ लिया..
और चतुराई से की जिसने शादी,
उसने भी क्या उखाड़ लिया..


मेरी जानेमन क्या बताऊँ
कैसे सितम भाती हैं
मेरी जानेमन क्या बताऊँ
कैसे सितम भाती हैं
सपने मे भी कम्बक्थ
अपने बाप को ले आती हैं!

जिस वक्त खुदा ने तुम्हे बनाया होगा, एक सुरूर सा उसके दिल पे छाया होगा...
पहले सोचा होगा तुझे जन्नत में रख लूँ.. फिर उससे जू का ख्याल आया होगा...


तारीफ के काबिल हम कहाँ?
चर्चा तो आपकी चलती है
सब कुछ तो है आपके पास
बस सींग और पुँछ की कमी खलती है..!!

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