॥पत्नी चालीसा॥ ।नमोः नमोः पत्नी महरानी तुमरी महिमा कोई न जानी॥ ।हमने समझा तुम अबला हो॥ ।पर तुम सबसे बडी बला हो॥ ।जिस घर मे हो तुमरा वासः॥ ।सास ससुर करेँ स्वर्ग निवास्॥ ।जिस दिन हाथ मे बेलन आवे॥ ।उस दिन पति खूब चिल्लावे॥ ।सारे बेड पर पत्नी सोए पति बैठ फर्श पर रोए
Tumse hi ghar mathura kashi
ReplyDeleteaur tumse hi ghra satya nasi