लीजिये कुछ साश्वत सत्य वचन पेश हैं:
१) अगर किसी लडके ने किसी लड़की से "हाय/हैलो" कहा है तो वो इसे केवल "हाय/हैलो" ही समझती है | इसके उल्टे अगर किसी लड़की ने किसी लडके को "हैलो" कहा तो लड़का इसको केवल "हैलो" नहीं समझेगा |
२) अगर लड़का "हैलो" को केवल "हैलो" समझना भी चाहेगा तो उसके दोस्त ऐसा नहीं होने देंगे, आख़िर दोस्त होते ही किस दिन के लिए हैं
३) लड़के जिनकी गर्ल फ्रेंड होती है और जिनकी नहीं होती है, में केवल एक फर्क होता है, पहले वाले लोग "लड़कियों से बात करते हैं" और दूसरे वाले "लड़कियों के बारे में बात करते हैं" |
४) इंजीनियरिंग कालेज छोड़ दिए जाएँ तो संसार में सुन्दर लड़कियों की कोई कमी नहीं है |
५) जो इंजीनियरिंग कालेज जितना अच्छा होगा वहाँ लड़कियों कि गुणवत्ता कालेज की रैंक के व्युत्क्रमानुपाती होगी |
६) आपके मित्र कभी नहीं चाहते कि आपकी कोई गर्ल फ्रेंड बने, वरना वो कैंटीन में किसके साथ बैठ कर मौज करेंगे |
७) कालेज में लड़कियों के पीछे पंजीकरण बिल्कुल मुफ्त होता है, बन्दा साल में दो बार लड़की से बात नहीं करेगा लेकिन कैंटीन में हमेशा "मेरी वाली"/"तेरी वाली" संबोधन से ही बात होगी
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