लेकिन कदमो की आहत में दम न था,
दिल की बात न समझ पाए वो ,
शायद दिल किसी कशमकश में था,
वो कहते हैं की एक कदम तो बढाओ,
हम दुनिया छोड़ आएंगे,
लेकिन उन्हें क्या पता कितनी,
मुहब्बत हैं हमें आपसे,
हम आपके एक इशारे में अपनी,
साँसे उनके नाम कर जायेंगे.
Pawan Mall
No comments:
Post a Comment