नहीं आये तुम ख्वाबो में, क्यों करते हो इतना सितम.. खूब तड़पाते हो हमें , खुद पे भी इतना सितम ढाते हो.
नहीं आये तुम ख्वाबो में, क्यों करते हो इतना सितम.. ना करो ऐसा जुल्म , हर तडपन से एक आह निकलती हैं.
जो सीधे इस दिल तक पहुचती हैं और, कर देती है दिल को बेचैन.
नहीं आये तुम ख्वाबो में, क्यों करते हो इतना सितम.. एक दिन मांग लेंगे हम भी एक दुआ, ना खोले हम कभी आखे. जिन ख्वाबो में तुम ना आये, वो दिन हमारी जिन्दगी में कभी फिर ना आये.
यादो का सिलसिला ना चलाना कभी वरना ये हरदम ऐसे ही सताएंगी तब क्या करोगे जब हमारी सासे हमारा साथ छोड़ जाएँगी तब आखे नम और हमारी यादे सताएंगी उम्र भर का एक भुला ना देने वाली यादो की सौगात दे जाएँगी