Wednesday, 16 June 2010
Thursday, 10 June 2010
पता हैं मेरे दादाजी 105 साल जीये थे !!
एक आदमी एक बच्चे से :
बच्चे इतनी कम उम्र में इतनी सारी चाकलेट नहीं खानी चाहिए.
बच्चा : पता हैं मेरे दादाजी 105 साल जीये थे !!
आदमी : क्यों? क्या वो भी चाकलेट खाते थे ?
बच्चा : नहीं वो अपने काम से काम रखा करते थे.
Location:
New Delhi, Delhi, India
Tuesday, 8 June 2010
धीरे-धीरे असर करने वाला जहर दिया है।
मनु,"डेडी, ज्यादा काबिल कौन है मैं या आप?"
डैडी, " मै, क्योकि मैं एक तो तुम्हारा बाप हुँ, दुसरे उम्र मे भी तुम से बडा हुँ और मेरा तजुर्बा भी तुम से ज्यादा है।"
मनु, "फ़िर तो आप जानते होगें कि अमेरिका की खोज किस ने की थी? "
डैडी, "कोलम्बस ने की थी"
मनु, "कोलम्बस के बाप ने क्यों नही की, उसका तजुर्बा तो कोलम्बस से कही ज्यादा होगी?"
एक बहानेबाज कर्मचारी का दादा उस के दफ़तर में जा कर उस के बाँस से बोला, " इस दफ़तर मे सुनिल नाम का व्यक्ति कार्य करता है, मुझे उस से मिलना है, वह मेरा पोता है।"
बाँस ने मुस्करा कर कहा, " मुझे अफ़सोस है, आप देर से आए है, वह आप के आर्थी को कंधा देने के लिए छुट्टी लेकर जा चुका है।"
मरते समय पति ने अपने पत्नी को सब कुछ सच बताना चाहा । उस ने कहा " मै तुम्हे जीवन भर धोखा देता रहा। सच तो यह है कि दर्जनो औरतों से मेरे नाजायज संबंध थे।"
पत्नी बोली, "मै भी सच बताना चाहूँगी । तुम बीमारी से नही मर रहे मैने तुम्हे धीरे-धीरे असर करने वाला जहर दिया है।"
पत्नी बोली, "मै भी सच बताना चाहूँगी । तुम बीमारी से नही मर रहे मैने तुम्हे धीरे-धीरे असर करने वाला जहर दिया है।"
Location:
New Delhi, Delhi, India
Friday, 4 June 2010
ये हाल तभी होता हे
संता शराब पि कर बस में चढ़ गया
बनता - तुम नरक के रस्ते पर जा रहे हो
संता - " ओये रोको रोको बस रोको " मै गलत बस मै सवार हो गया हु,
वो तुम्हे दूर से देख कर ही दुपट्टा संभाल लेती है..
क्या बात है...
हैरान हु इस बात से की वो तुम्हारी नियत कैसे पहचान लेती हैं.
आँखों मै आंसू आ जाते है
फिर भी लबो पे हसी रखनी पड़ती है..
ये हाल तभी होता हे
जब लम्बे सफ़र मे
"पोट्टी" रोकनी पड़ती है.
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बनता - तुम नरक के रस्ते पर जा रहे हो
संता - " ओये रोको रोको बस रोको " मै गलत बस मै सवार हो गया हु,
वो तुम्हे दूर से देख कर ही दुपट्टा संभाल लेती है..
क्या बात है...
हैरान हु इस बात से की वो तुम्हारी नियत कैसे पहचान लेती हैं.
आँखों मै आंसू आ जाते है
फिर भी लबो पे हसी रखनी पड़ती है..
ये हाल तभी होता हे
जब लम्बे सफ़र मे
"पोट्टी" रोकनी पड़ती है.
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